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Sunday, September 19, 2021

healthy knowledge for human daily activity

ज्ञान का सागर 


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 *100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए*

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।

2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. *हाई वी पी में* -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।

6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 

7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।

8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।

10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।

11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14.  *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।

16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।

19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 

20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।

21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 

23.  *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24.  *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26.  *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है । 

27.  *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।

29.  *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।

31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।

33.  *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35.  *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।

36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

41.  *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 

43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।* 

46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 

48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 

50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 

51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 

52.  *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53.  *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 

58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 

61.  *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62.  *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।* 

63.  *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 

64.  *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*

65.  *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

66.  *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।

69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 

71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 

72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 

73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 

74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।* 

75.  *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए । 

79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 

80.  *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 

81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 

82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*

83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*

84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 

85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 

86 .  *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 

87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 

88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 

89.  *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 

90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।* 

91.  *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*

92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।

93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 

94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।

95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 

96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 

97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*। 

98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 

99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  

100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा। लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके ।


_*जनजागृति हेतु लेख को पढ़ने के बाद साझाअवश्य करे*🙏🏻 अंशिका सिंह पटेल 🙏🏻

लेखक :- अंशिका सिंह पटेल (B.A., B.T.C., योगा) (www.agriculturebaba.com)  

सहायक :- अरुणेन्द्र प्रताप सिंह (M.Sc. Agronomy

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Wednesday, September 8, 2021

DALCO Healthcare new Delhi 2022

 डॉ. प्रियंका एम तिवारी की कलम से 🖋🖋️






डॉ प्रियंका एम तिवारी की कलम से 🖋🖋️मेरा तीन वर्ष पुराना लेख है पर आशा करती हूं आपको जरूर कुछ प्रेरणा दे जाएंगी ये बातें,,बीमार होता देश--

जब पिज्जा, कबाब पराठा, समोसे और शराब की दुकानों पर लोग लाईन लगाकर, सेल्फ सर्विस करके लोग अपने लिए खुशी खुशी बीमारियां खरीदते हों, 

और फल , सब्जी वालों को गुहार, आवाज लगा लगा कर गली गली सब्जी ,फल बेचना पड़ रहा हो, और उस पर भी लोग अनिवार्य रूप से बार्गेन करते हों।।

         

      तब आप समझ ही सकते हैं, देश किस दिशा में बढ़ रहा है।।     

     जगह जगह पर खुल रहे कुकुरमुत्ते की तरह मोमो स्टाल,बर्गर स्टाल, चाऊमीन की दुकानें।।

सड़ा हुआ जूस चमकदार बोतलों में भरकर बेंच देते हैं बड़ी बड़ी कम्पनी वाले, ताजे फल वाले १०० रूपए के लिए तरसते हों, तब आप समझ ही सकते हैं कि कहां जा रहा है अपना देश।।

बिस्कुट, ब्रेड, कार्न फ्लेक्स में ही सारे विटामिन, मिनरल, आयरन , कैल्शियम मिल रहा है, दूध, घी, सेब, चुकंदर की कोई जरूरत ही नहीं।।

हृदय रोगी कृपया ध्यान दें आपकी  मिनरल वाटर की बोतल भी सुरक्षित नहीं है आपके लिए, अतिरिक्त सोडियम , पोटैशियम, और क्लोराइड की मात्रा मिलाई जाती है मिनरल वाटर में।

सड़े हुए ब्रेड बटर की जगह, ताजी बनी हुई रोटी, पराठा को तरहीज दें।

आइसक्रीम और अन्य फ्रीज चीजों से भी दूरी बनाए, क्यों कि ठंडे होने की वजह से इनमें बदबू नहीं आती , जरूरी नहीं कि ये फ्रेश हो, हो सकता है महीनों पुराने हों।

        

आजकल जिस तरह से हर व्यक्ति हर घर तक बीमारियों ने पहुंच बनाई है, चिंताजनक है।

असमय मृत्यु बढ़ते जा रहे हैं।

अपनी भूख से कम खाना खाएं,  नियमित समय पर खाएं।  


जीवन जीने के लिए खाना खाएं, न कि खाने के लिए जीवन जिएं।

चमकदार चीजों को देखकर मत भागें, अपने  ज़बान को अपने नियंत्रण में रखें। 


मेरे पास जो भी परामर्श के लिए आता है, उसे हमेशा सबसे पहले अच्छे आहार के लिए परामर्श देती हूं।।


क्योंकि इसी से ही अच्छा स्वास्थ्य निर्माण होता है।


कठिन है पर असंभव नहीं।। 


अपने पेट को कूड़ा घर बनने से रोकें, हो सके तो सप्ताह में एक दिन उपवास रखें,  जिससे आपके शरीर में आटोफैगी नाम की क्रिया हो सके , जिससे  खराब पड़ी सेल्स  खत्म हो, और नयी सेल्स बन सकें।।

अच्छा स्वास्थ्य अपने हाथ में है, और यह शरीर ही आपका सच्चा साथी है, इसकी रक्षा और देखरेख करें।।


फिर मिलेंगे कुछ नये विचारों के साथ 🙏🙏🙏

      

नमस्कार 🙏🙏🙏


डॉ प्रियंका एम तिवारी

डालको हेल्थकेयर सेंटर

पश्चिम विहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन

नयी दिल्ली 

होमयोपैथिक डिपार्टमेंट/ 


डॉ दीपक 

आयुर्वेदिक उपचार/ पंचकर्म चिकित्सा केंद्र


एक NABH ACCREDITED HEALTH CARE CENTER.... 

(QUALITY COUNCIL OF INDIA)


Contact - 011 25291212

                 9953024116

Thursday, September 2, 2021

Suvarn Praan Sanskar

Suvarn Praan Sanskar


DALCO Healthcare Paschim vihar New Delhi अपने बच्चों को दें बेहतर सुरक्षा कवच....... बढायें मेधा शक्ति आयुर्वेद के विशिष्ट औषधियों से.... अपना समय रविवार को सुरक्षित करें,,अपने बच्चे का स्वर्ण प्राशन कराएं......




**स्वर्ण प्राशन कैंप पुष्य नक्षत्र रविवार 


 *03 सितंबर 2021 को समय 05:00pm से 08:00 pm और 04 सितंबर 2021 को समय सुबह 09:00am से 5:45pm* 

अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 0-16वर्ष के बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराएं

 फोन 9953024116,,,


पता-पश्चिमविहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन,,,


स्वर्ण प्राशन (जिसे सुवर्ण प्राशन भी कहा जाता है और स्वर्ण बंधु प्राशन) प्रतिरक्षा बढ़ाने और बच्चों की बुद्धिमत्ता को बेहतर बनाने के लिए एक आयुर्वेदिक तकनीक है।

स्वर्ण प्राशन बच्चों के लिए एक प्राचीन स्वास्थ्य टॉनिक है। स्वर्ण प्राण मस्तिष्क, मस्तिष्क, प्रतिरक्षा प्रणाली और त्वचा पर कार्य करता है। 

यह विकास बढ़ावा देता है, स्वास्थ्य को बनाए रखता है, गैर-विशिष्ट प्रतिरक्षा विकसित करके संक्रमण के लिए प्रतिरोध बनाता है, और जटिलता में सुधार करता है।


सुवर्ण-प्राशन का उद्देश्य बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा के निर्माण से बीमारियों को रोकने के लिए आधुनिक टीकाकरण के समान है। 


संक्रमण को रोकने और सामान्य सर्दी और फ्लू को रोकने के लिए स्वर्ण प्राशन प्रभावी है। यह जीवन में बाद में अन्य बीमारियों को भी रोक सकता है। इस अवधारणा का केवल बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के लिए कोई सीमा नहीं है।


सुवर्ण-प्राण मस्तिष्क के समुचित विकास में भी लाभ पहुंचाते हैं। यह मस्तिष्क की स्मृति, बुद्धि, मौखिक और संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार करता है।


सुवर्ण प्राण संस्कार 

सुवर्ण प्राण संस्कार एक इम्युनो-मॉड्यूलेटरी तकनीक है और बच्चों के लिए भारतीय चिकित्सा और हिन्दू परिवारों में उपयोग किए जाने वाले प्राचीन भारतीय अनुष्ठानों में से एक है। 

माइक्रो-फाइन और कैलक्लाइंड सोने के कणों, जिन्हें स्वर्ण (सुवर्ण) भस्म भी कहा जाता है, का उपयोग इस प्रक्रिया में असमान मात्रा में औषधीय आयुर्वेदिक घी और शहद के साथ किया जाता है।


सवर्ण प्राशन के लिए आयु 

हालाँकि, सवर्ण-प्रशन को प्रशासन की आवश्यकता है। 0 से 16 वर्ष की आयु का बच्चा स्वर्ण प्राशन लेने के लिए पात्र है। 

स्वर्ण प्राशन देने की विशिष्ट आयु का वर्णन आयुर्वेदिक ग्रंथों में नहीं किया गया है, लेकिन प्रतिरक्षा और बुद्धिमता के निर्माण के लिए सुवर्ण-प्राशन का प्रारंभिक प्रशासन बहुत सहायक है। विभिन्न रोगों और संक्रमणों के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाने की क्षमता प्रारंभिक बचपन में अधिक होती है और 90% मस्तिष्क का विकास पांच साल की उम्र तक होता है। 


इसलिए, अधिकतम लाभ के लिए पांच साल की उम्र से पहले सुवर्ण-प्रशन देना अच्छा होगा। सुवर्ण-दर्शन का मस्तिष्क और बुद्धि पर बहुत प्रभाव पड़ता है, लेकिन यह 5 साल की उम्र से पहले अधिक मदद करेगा। 

यदि आप पांच वर्ष की आयु से पहले किसी बच्चे को सुवर्ण-दर्शन देने से चूक गए हैं, तो आप उसे 16 वर्ष की आयु तक दे सकते हैं।


बच्चों को सुवर्ण प्राशन (स्वर्ण प्राशन) देने का सबसे उपयुक्त समय सुबह सूर्योदय से पहले है।


स्वर्ण प्राशन की सामग्री 

स्वर्ण प्राशन का मुख्य घटक स्वर्ण है। घटक सूची इस प्रकार है:


✨स्वर्ण भस्म

✨ब्राह्मी

✨शंख पुष्पी

✨Vacha

✨Kuth

✨Giloy

✨Vidang

✨Shunthi

✨Marich

✨Pippali

✨Ashwgandha

✨Honey

✨Cow ghee


स्वर्ण भस्म का उपयोग स्वर्ण मुद्रा में किया जाता है, जिसमें असुरक्षित सोने की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रोफ़ाइल और प्रभावकारिता होती है। भस्म बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया संभव अवांछित प्रभावों को कम करती है और इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाती है।


अपने बच्चे के समग्र विकास के लिए आप सुवर्ण प्रकाशन बालकों हेल्थकेयर पश्चिम विहार में आकर करा सकते हैं।।


डॉ दीपक कुमार

आयुर्वेद चिकित्सक

DALCO HEALTHCARE AT PASCHIM VIHAR WEST METRO STATION

New Delhi

**स्वर्ण प्राशन कैंप पुष्य नक्षत्र रविवार 


 *03 सितंबर 2021 को समय 05:00pm से 08:00 pm और 04 सितंबर 2021 को समय सुबह 09:00am से 5:45pm* 

अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 0-16वर्ष के बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराएं

 फोन 9953024116,,,


पता-पश्चिमविहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन,,,