मूत्र मार्ग का दर्द
कारण एवं परिचय:- मूत्र प्रणाली में चोट लगने, कीटाणुओं के संक्रमण, साईकिल की लम्बें समय तक यात्रा, मूत्रकृच्छ्ता, सुजाक एवं गर्म वस्तु के सेवन से मूत्र मार्ग में दर्द होने लगता हैं, जो बहुत ही कष्टकारक होता हैं।
लक्षण:-
- मूत्र मार्ग में टिस एवं दर्द।
- मूत्र का रंग गहरा पीला या रक्त की उपस्थिति के कारण लाल रंग का।
औषधि चिकित्सा व्यवस्था:-
- 'नेफ्रोजेसिक' (Nephrogesic) 'इथनार' 1-2 टी. भोजन के बाद जल से 3 बार दे।
- ओरफैलजिन (Orphalgin) 'विडल शावयर' -1 कैप्सूल दिन में 3-4 बार आवश्यकतानुसार। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि वृद्धि तथा 'ग्लोकोमा' में प्रयोग न करें।
- सयनमोकस (साराभाई)- 250 मि.ग्रा. का कैप्सूल + एक्वाजेसिक (जॉन बाइथ) 1 गोली दिन में 3 बार।
- कम्पोज़ (रैनवैक्सी) 5 ग्राम की 1-2 टिकिया।
- संक्रमण के लिए सेप्ट्रान/डोक्सीसाइक्लीन या टैक्सिम (Taxcim)- एंटीबॉयोटिक।
- पेन्टिङ्स 1 टिकिया, सल्फाइडायजीन 1 टिकिया, क्रोसिन 1 टिकिया। ऐसी 1 मात्रा दिन में 2 बार पानी से।
- फेनोसिन (फाइजर) 1 टिकिया, वैरालग्न (हैक्ट्स) 1 टिकिया। ऐसी 1 मात्रा दिन में 2 बार पानी से।
- स्पास्मोप्रोक्सीवन (वॉकहार्ड) 1 कैप्सूल ओरिपरिम डी. एस. आधा टिकिया। ऐसी 1 मात्रा दिन में 2 या 3 बार।
लेखक :- ए. पी. सिंह M.Sc. agronomy (www.agriculturebaba.com)
अधिक जानकारी के लिए हमारे YouTube Channel को लिंक करें :-https://www.youtube.com/channel/UCLzvhZCV0nPHpk4RIKpHT9w
और हमारे Facebook Page को लिंक करें :- https://www.facebook.com/Agriculture-Baba-106481014364331/
और हमारे Facebook Page को लिंक करें :- https://www.facebook.com/Agriculture-Baba-106481014364331/
तथा हमारे Twitter Account को लिंक करें :- https://twitter.com/BabaAgriculture
एवं हमारे Instagram Account को लिंक करें:- https://www.instagram.com/agriculturebaba7800/
No comments:
Post a Comment